आने जाने में

वफ़ा अव्वल थी ज़माने में
गुज़ार दी उसने आजमाने में
एक उम्र लगा दी तुमने
जाने में वापस आने में
कोई फ़र्क ही नहीं लगता
खोने में तुमको पाने में
नौकरी थी यूं कटती गई
सिक्के कमाने उम्र गँवाने में
सुकून है जबसे छोड़ दिया
परखना जाने में अनजाने में
खामोश बैठे पर बहुत बोले
सब बात रह गई फ़साने में
छत के नीचे बड़ी दूरियाँ हैं
वक्त लगता है आने जाने में ।